आप मीटिंग कर रहे हैं, और हैकर अकाउंट क्लीन

शालिनी तिवारी, साइबर एक्सपर्ट
शालिनी तिवारी, साइबर एक्सपर्ट

अगर आपके फोन में कोई स्क्रीन शेयरिंग ऐप है, तो आप न सिर्फ अपनी स्क्रीन, बल्कि अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट, बैंक डिटेल और OTP भी शेयर कर रहे हैं – और वो भी ऐसे लोगों से जो आपके संपर्क में कभी नहीं आए।

सरकार ने इसपर अब सीधा अलर्ट जारी किया है:

“फोन से स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स डिलीट करें वरना बैंक बैलेंस भी ‘अनइंस्टॉल’ हो जाएगा!”

क्या कहा है सरकार ने?

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के ज़रिए लोगों को चेताया है कि स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स से बड़ा खतरा है। इन ऐप्स के ज़रिए हैकर्स:

  • आपकी स्क्रीन लाइव देख सकते हैं

  • OTP और बैंक डिटेल चुरा सकते हैं

  • फोन को रिमोटली एक्सेस कर सकते हैं

यानी आप समझ रहे हैं कि आप स्क्रीन शेयर कर रहे हैं, लेकिन असल में आप “साइबर अपराधियों से सीधा टेलीकास्ट” कर रहे हैं।

क्यों हैं ये ऐप्स खतरनाक?

कई लोग Zoom या Google Meet जैसे ऐप्स छोड़कर थर्ड पार्टी स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स इंस्टॉल कर लेते हैं, जो प्ले स्टोर पर फ्री में “विश्वासघात” बांट रहे होते हैं।

इंस्टॉल करते वक्त जब ऐप आपसे कैमरा, माइक, लोकेशन, गैलरी, और ‘जिंदगी भर की परमिशन’ मांगे, तो समझ जाइए – “ये ऐप काम से ज़्यादा नुकसान के लिए है।”

OTP भी नहीं रहा Safe!

इन ऐप्स के जरिए स्कैमर्स आपके फोन पर आने वाला हर एक OTP पढ़ सकते हैं, चाहे वो बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़ा हो या पासवर्ड रिसेट से। यानी अब OTP को “One-Time Password” नहीं, “Open Theft Point” कहना ज्यादा सही होगा।

बचाव का तरीका: ऐप क्लीनिंग आज से शुरू करें

सरकार की सलाह के अनुसार:

  1. अनजान या स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स को तुरंत डिलीट करें

  2. ऐप इंस्टॉल करते वक्त हर परमिशन न दें

  3. सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट करें

  4. असली ऐप्स को पहचानें, नकली से दूरी बनाएं

  5. किसी भी टेक सपोर्ट कॉल पर फोन शेयर न करें

जब App से Loss हो जाए, तो App Store नहीं… Police में रिपोर्ट करें

याद रखें:
“हर ऐप फ्री है, लेकिन उसकी कीमत आपके बैंक बैलेंस में दिखती है।”

जब पड़ोसी की जेब ढीली हो, तो भारत बनता है ATM

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